भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत भारत ने पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है।
युद्ध की ताज़ा स्थिति
भारतीय सेना ने पाकिस्तान के F-16 और JF-17 फाइटर जेट्स को मार गिराया है। इसके साथ ही पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम और कई मिसाइलों को भी ध्वस्त किया गया है। पाकिस्तान ने भी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारी गोलाबारी की है, जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया है।
मुख्य बिंदु
- भारत ने पाकिस्तान के F-16 और JF-17 फाइटर जेट्स को मार गिराया।
- सीमाई क्षेत्रों में हाई अलर्ट और एयर सर्विलांस बढ़ाया गया।
- पाकिस्तान ने भारत से बातचीत की पेशकश की।
- संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की।
- युद्ध का आर्थिक प्रभाव पाकिस्तान पर अधिक पड़ सकता है।
भारत की रणनीतिक तैयारियाँ
सीमा पर हाई अलर्ट: राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
एयर सर्विलांस: सीमाई क्षेत्रों में एयर सर्विलांस बढ़ा दिया गया है ताकि किसी भी हवाई हमले का तुरंत जवाब दिया जा सके।
सिविल डिफेंस: एलओसी के 5 किलोमीटर के दायरे में सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। सरकारी अस्पतालों की छतों पर रेड क्रॉस के निशान बनाए गए हैं।
राजधानी में हलचल: दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल ने आपात बैठकें की हैं।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत से बातचीत की पेशकश की है, यह कहते हुए कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के साथ तीन युद्धों से सबक सीखा है और अब शांति चाहता है।(NewsBytes, Jagran)
वैश्विक प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटारेस ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच किसी भी प्रकार का सैन्य टकराव पूरी दुनिया के लिए विनाशकारी होगा।(dainiktribuneonline.com)
युद्ध का आर्थिक प्रभाव
भारत: भारत का रक्षा बजट 51 बिलियन डॉलर से अधिक है और उसके पास मजबूत आर्थिक आधार है।(Newsnation)
पाकिस्तान: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कमजोर है और उसे IMF से 12 बिलियन डॉलर की मदद की जरूरत है। उसका विदेशी मुद्रा भंडार भी बहुत कम है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी खतरा है। दोनों देशों को संयम बरतते हुए बातचीत के माध्यम से समाधान निकालना चाहिए।