Blackout Fekanbhaiya
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भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और संभावित सुरक्षा खतरों को ध्यान में रखते हुए बुधवार को पूरे देश में एक विशेष मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस व्यापक अभ्यास का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों — विशेष रूप से हवाई हमलों, ड्रोन अटैक्स और मिसाइल हमलों — के दौरान नागरिक और प्रशासन की तैयारियों को परखना था।

इस राष्ट्रव्यापी अभियान का नाम था ‘ऑपरेशन अभ्यास’, जो शाम चार बजे शुरू हुआ और विभिन्न राज्यों में अलग-अलग समय पर इसका आयोजन किया गया। इस दौरान कई शहरों में पूरी तरह से ब्लैकआउट किया गया — यानी तमाम सार्वजनिक और निजी इमारतों की लाइटें बंद कर दी गईं।

दिल्ली: देश की राजधानी में दिखी सख्त सतर्कता

राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा की सख्त परतों के बीच नॉर्थ और साउथ ब्लॉक, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन और इंडिया गेट जैसे अहम स्थानों पर रोशनी बंद की गई। अंधेरे में डूबे ये प्रतिष्ठान अभ्यास की गंभीरता को दर्शा रहे थे।

चंडीगढ़: प्रशासन और जनता दोनों ने दिखाया सामूहिक अनुशासन

चंडीगढ़ में शाम 7:30 से 7:40 तक 10 मिनट का ब्लैकआउट किया गया। इस दौरान पंजाब-हरियाणा सचिवालय, विधानसभा भवन और हाई कोर्ट समेत तमाम प्रमुख इमारतों की लाइटें बुझा दी गईं। शहरवासियों ने बढ़-चढ़कर प्रशासन का सहयोग किया और अपने घरों की लाइटें स्वेच्छा से बंद रखीं।

हरियाणा और राजस्थान: अभ्यास में दिखा जन-सहयोग

हरियाणा के हिसार में लोगों ने मॉक ड्रिल को गंभीरता से लिया। प्रशासन की अपील पर आम नागरिकों ने घरों की लाइटें बुझाकर पूरी जिम्मेदारी निभाई।

राजस्थान के अजमेर में तो सायरन की गूंज के साथ ही पूरे शहर में एक निर्धारित समय (7:30 से 7:45) तक ब्लैकआउट कर दिया गया। सड़कों से लेकर घरों और वाहनों तक, हर ओर अंधेरा छा गया — जिससे एक वास्तविक आपातकाल की अनुभूति हो सके।

उत्तर प्रदेश: कई जिलों में सफल परीक्षण

यूपी के 15 जिलों में यह अभ्यास किया गया। अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट, बस्ती, मेरठ, कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, बरेली, संभल और बुलंदशहर जैसे शहरों में नागरिकों ने सहयोगात्मक रवैया दिखाया। बस्ती के गांधी नगर क्षेत्र में सेना और एनसीसी कैडेट्स की उपस्थिति इस अभ्यास को और प्रभावी बना रही थी।

जिलाधिकारी रविश गुप्ता और एसपी प्रतिपाल सिंह चौहान ने पहले ही लोगों से सहयोग की अपील की थी, जिसका व्यापक असर देखने को मिला।

अन्य राज्य भी रहे सतर्क

मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भी इसी तरह की मॉक ड्रिल्स कराई गईं, जहां अलग-अलग सुरक्षा परिदृश्यों को आधार बनाकर ब्लैकआउट और रेस्क्यू प्रक्रियाओं का अभ्यास किया गया।

प्रशिक्षण के पीछे की बड़ी वजह

पहलगाम में हुए आतंकी हमले और सीमापार से लगातार मिल रही धमकियों के बीच यह अभ्यास किसी चेतावनी से कम नहीं था। भारत ने साफ कर दिया है कि वह अब सुरक्षा मामलों में किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अगुवाई में हुए इस अभियान ने यह दिखा दिया कि संकट की घड़ी में पूरा देश एकजुट होकर प्रतिक्रिया देने में सक्षम है।


इस मॉक ड्रिल ने केवल प्रशासनिक दक्षता ही नहीं दिखाई, बल्कि जनता के जागरूक और जिम्मेदार व्यवहार ने भी यह साबित किया कि भारत अब किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार है — हर स्तर पर, हर कोने से।

By Author

पत्रकारिता के क्षेत्र में अब 10 साल हो गए हैं. Human और Humor बिट की स्टोरी से काफी लगाव है. दिल से Local हूं और सोच से Global. लिट्टी चोखा से काफी लगाव है. धनबाद का रहने वाला हूं, फिलहाल दिल्ली में रह रहा हूं.

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